भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"हादसे सबकी ही क़िस्मत मेँ लिखूँ किस-किस पर / सिराज फ़ैसल ख़ान" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(हादसे सबकी ही क़िस्मत मेँ लिखूँ किस-किस पर / सिराज फ़ैसल ख़ान का नाम बदलकर हादसे सबकी ही क़िस्मत मे)
 
(कोई अंतर नहीं)

17:49, 17 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण