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"हादसे सबकी ही क़िस्मत मेँ लिखूँ किस-किस पर / सिराज फ़ैसल ख़ान" के अवतरणों में अंतर
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(हादसे सबकी ही क़िस्मत मेँ लिखूँ किस-किस पर / सिराज फ़ैसल ख़ान का नाम बदलकर हादसे सबकी ही क़िस्मत मे) |
(कोई अंतर नहीं)
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