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♦ रचनाकार: अज्ञात
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एना जे सुतईत आंख मसानी, कोना क चलतई काज
जगा दे भोले बाबा को मनादे भोले बाबा को
इ भोले जोगिया आक धतुर में मतंग छथि,
नगरा बताह जका सुतल इ अर्धंग छथि,
इ अपराधी भूत के संगी, रूप सदाशिव भावे
जगा दे भोले बाबा को, मना दे भोले बाबा को
बसहा सवारी शिव के, घर नै घरारी एको धुर बटाईया,
अपने भिखारी शिव दुनिया लेल अन्न धन छई,
जटा स निकले गंगा छीट छीट के गंगाधार जगा दे
भोले बाबा को मना दे भोले बाबा को