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"पानी के गीत / चन्द्रकुंवर बर्त्वाल" के अवतरणों में अंतर

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'''पानी के गीत'''  
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'''कविता का एक अंश ही उपलब्ध है । शेषांश आपके पास हो तो कृपया जोड़ दें या कविता कोश टीम को भेज दें'''
युवती थी कांख में  
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सूनी गागर लिये
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युवती थी काँख में  
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सूनी गागर लिए
 
आती है दूर निज  
 
आती है दूर निज  
उर को केन्द्रित किये
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उर को केन्द्रित किए
 
पानी के पास आ,
 
पानी के पास आ,
 
गगरी जल में डुबा
 
गगरी जल में डुबा
 
जल का कल शब्द सुन
 
जल का कल शब्द सुन
तन -मन की सुध भुला
+
तन-मन की सुध भुला
उठती क्यों गुनगुना?
+
उठती क्यों गुनगुना ?
(पानी के गीत कविता से )
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21:07, 7 मार्च 2011 के समय का अवतरण

कविता का एक अंश ही उपलब्ध है । शेषांश आपके पास हो तो कृपया जोड़ दें या कविता कोश टीम को भेज दें
 
युवती थी काँख में
सूनी गागर लिए
आती है दूर निज
उर को केन्द्रित किए
पानी के पास आ,
गगरी जल में डुबा
जल का कल शब्द सुन
तन-मन की सुध भुला
उठती क्यों गुनगुना ?