भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मेरे साथ चलना तुमको खबर नहीं है / मासूम गाज़ियाबादी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: मेरे साथ साथ चलना तुमको खबर नहीं है दुनिया की मेरे हमदम अच्छी नज़…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
21:44, 9 मार्च 2011 का अवतरण
मेरे साथ साथ चलना तुमको खबर नहीं है दुनिया की मेरे हमदम अच्छी नज़र नहीं है
बदले में अब वफ़ा के मिलती है बेवफाई रुसवाई का किसी पे कोई असर नहीं है
किरदार बेचकर अब मिलने लगे हैं ओहदे अहले-नज़र में कोई अहले-हुनर नहीं है
सुननी पड़ेगी उनको रूदाद आज वरना या मेरा सर नहीं या फिर उनका दर नहीं है
अच्छा नहीं किसी से इस तरह रूठ जाना मासूम सी नज़र है मन इधर नहीं है