भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मेरी ओर से ही / चंद्र रेखा ढडवाल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=चंद्र रेखा ढडवाल |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> डोर डाली तो …) |
(कोई अंतर नहीं)
|
08:26, 10 मार्च 2011 के समय का अवतरण
डोर डाली तो बिंधने को
चली आईं मछलियाँ
डोर खींची
तो न पानी
न दरिया
न मछलियाँ