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"होली का गीत / सुदर्शन वशिष्ठ" के अवतरणों में अंतर
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<poem>रंग दे कोई | <poem>रंग दे कोई |
19:08, 15 मार्च 2011 के समय का अवतरण
रंग दे कोई
रंग गुलाबी
भेज दे कोई
ख़त जवाबी
लगा दे कोई
बारिश रिमझिम
सेका दे कोई
धूप गुनगुनी
सुना दे कोई
माँ की लोरी
कह दे कोई
बात इक कोरी
सुना दे कोई
इक किलकारी
खिला दे कोई
सारी क्यारी
खिला दे कोई
आम आँमला
दिखा दे कोई
श्याम साँवला
ओढ़ा दे कोई
अम्बर नीला
बिछा दे कोई
मंजा ढीला
बिठा दे कोई
पीपल छईयाँ
डाल दे कोई
गले में बहिंयाँ
मिला दे कोई
मीत पुराना
सुना दे कोई
गीत पुराना
बता दे कोई
पता ठिकाला
कह दे कोई
बात सयाना।