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"अभी बाक़ी कुछ अपने ख़्याल रहने दो/ विनय प्रजापति 'नज़र'" के अवतरणों में अंतर
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तमन्ना से हसरत का विसाल रहने दो | तमन्ना से हसरत का विसाल रहने दो | ||
− | मैं कह भी न सका तुमसे हाले - दिल | + | हैफ़, मैं कह भी न सका तुमसे हाले-दिल |
अपने-आप से मुझे कुछ मलाल रहने दो | अपने-आप से मुझे कुछ मलाल रहने दो | ||
यह वक़्त बीत जायेगा, बदलेगा नहीं | यह वक़्त बीत जायेगा, बदलेगा नहीं | ||
− | घड़ी की | + | घड़ी की सुइयों में अपनी चाल रहने दो |
− | दुश्मन की गोली का डर न रहे | + | दुश्मन की गोली का भी डर न रहे मुझे |
देश के लिए मेरे लहू में उबाल रहने दो | देश के लिए मेरे लहू में उबाल रहने दो | ||
− | ईमान बेचकर रुपये कमाने वालों | + | ईमान बेचकर रुपये कमाने वालों |
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− | बाहम कभी-कभार | + | बाहम<ref>आपस में</ref> कभी-कभार बोलचाल रहने दो |
हर तरफ़ हंगामा है' धमाके हैं' ख़ून है | हर तरफ़ हंगामा है' धमाके हैं' ख़ून है | ||
रोते हुए बच्चों का यह हाल' रहने दो! | रोते हुए बच्चों का यह हाल' रहने दो! | ||
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20:39, 15 मार्च 2011 के समय का अवतरण
लेखन वर्ष: 2008
अभी बाक़ी कुछ अपने ख़्याल रहने दो
तन्हा ज़िन्दगी में यह सवाल रहने दो
तुम कहाँ चले गये बिना बताये मुझको
तमन्ना से हसरत का विसाल रहने दो
हैफ़, मैं कह भी न सका तुमसे हाले-दिल
अपने-आप से मुझे कुछ मलाल रहने दो
यह वक़्त बीत जायेगा, बदलेगा नहीं
घड़ी की सुइयों में अपनी चाल रहने दो
दुश्मन की गोली का भी डर न रहे मुझे
देश के लिए मेरे लहू में उबाल रहने दो
ईमान बेचकर रुपये कमाने वालों
भूखे पेट के लिए रोटी-दाल रहने दो
हम दोस्त न सही लेकिन दुश्मन भी नहीं
बाहम<ref>आपस में</ref> कभी-कभार बोलचाल रहने दो
हर तरफ़ हंगामा है' धमाके हैं' ख़ून है
रोते हुए बच्चों का यह हाल' रहने दो!
तेरी बातें सोचकर मुस्कुरा लेता हूँ
तुम मेरे गालों पर यह गुलाल रहने दो
शब्दार्थ
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