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"गुर्दा / कृष्ण कुमार यादव" के अवतरणों में अंतर

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जिसे दूसरा भगवान माना जाता है
 
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और जिसने एक अमीर
 
और जिसने एक अमीर
की जान बचाने के लिये
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की जान बचाने के लिए
एक गरीब की जिन्दगी
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एक ग़रीब की ज़िन्दगी
दाँव पर लगा दी।
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दाँव पर लगा दी ।
न जाने रोज कितनी ऐसी घटनायें
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न जाने रोज़ कितनी ऐसी घटनाएँ
 
सुनने को मिलती हैं
 
सुनने को मिलती हैं
 
कभी पैसे के अभाव में
 
कभी पैसे के अभाव में
किसी गरीब का दम तोड़ देना
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किसी ग़रीब का दम तोड़ देना
 
कभी चंद पैसों की आड़ में
 
कभी चंद पैसों की आड़ में
 
नवजात शिशु को बेच देना
 
नवजात शिशु को बेच देना
 
और कभी कानूनी प्रक्रियाओं में
 
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भटकाये जाते आम जन
 
भटकाये जाते आम जन
पर फिर भी गरीब आदमी
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मानता है उन्हें दूसरा भगवान।</poem>
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पर फिर भी ग़रीब आदमी
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मानता है उन्हें दूसरा भगवान ।
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21:17, 15 मार्च 2011 के समय का अवतरण

निकाल लिया है उन्होंने
उसका एक गुर्दा धोखे से
उस बेरोज़गार ने भी
चंद पैसों के लालच में
लगा दी अपनी ज़िदगी दाँव पर
पर उसका क्या कसूर ?

वह तो व्यवस्था का मारा हुआ है
पर उस संभ्रान्त और सुशिक्षित डॉक्टर का क्या
जिसे दूसरा भगवान माना जाता है
और जिसने एक अमीर
की जान बचाने के लिए
एक ग़रीब की ज़िन्दगी
दाँव पर लगा दी ।

न जाने रोज़ कितनी ऐसी घटनाएँ
सुनने को मिलती हैं
कभी पैसे के अभाव में
किसी ग़रीब का दम तोड़ देना
कभी चंद पैसों की आड़ में
नवजात शिशु को बेच देना
और कभी कानूनी प्रक्रियाओं में
भटकाये जाते आम जन

पर फिर भी ग़रीब आदमी
मानता है उन्हें दूसरा भगवान ।