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माथा-पच्ची करने से
क्या लाभ?
 
 
संजय सेन सागर
 
मां तुम कहां हो
 
मां मुझे तेरा चेहरा याद आता है
 
वो तेरा सीने से लगाना,
 
 
 
 
आंचल में सुलाना याद आता है।
 
क्यों तुम मुझसे दूर गई,
 
 
 
 
किस बात पर तुम रूठी हो,
 
मैं तो झट से हंस देता था।
 
 
 
 
पर तुम तो
 
अब तक रूठी हो।
 
 
 
 
रोता है हर पल दिल मेरा,
 
तेरे खो जाने के बाद,
 
 
 
 
गिरते हैं हर लम्हा आंसू ,
 
तेरे सो जाने के बाद।
 
 
 
 
मां तेरी वो प्यारी सी लोरी ,
 
अब तक दिल में भीनी है।
 
 
 
 
इस दुनिया में न कुछ अपना,
 
सब पत्थर दिल बसते हैं,
 
 
 
 
एक तू ही सत्य की मूरत थी,
 
तू भी तो अब खोई है।
 
 
 
 
आ जाओ न अब सताओ,
 
दिल सहम सा जाता है,
 
 
 
 
अंधेरी सी रात में
 
मां तेरा चेहरा नजर आता है।
 
 
 
 
आ जाओ बस एक बार मां
 
अब ना तुम्हें सताउंगा,
 
 
 
 
चाहे निकले
 
जान मेरी अब ना तुम्हें रूलाउंगा।
 
 
 
 
आ जाओ ना मां तुम,
 
मेरा दम निकल सा जाता है।
 
 
 
 
हर लम्हा इसी तरह ,
 
मां मुझे तेरा चेहरा याद आता है।
 
 
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