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"तेरी प्यास अमोल / शतदल" के अवतरणों में अंतर

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जैसे पात हरे पुरइन के
 
जैसे पात हरे पुरइन के
 
प्यास निगोड़ी जादूगरनी
 
प्यास निगोड़ी जादूगरनी
जल से बुझे न जाe अगिन से ।
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जल से बुझे न जाए अगिन से ।
  
 
जल में आग आग में पानी
 
जल में आग आग में पानी

14:55, 25 मार्च 2011 के समय का अवतरण

बटोही, तेरी प्यास अमोल,
तेरी प्यास अमोल !
नदियों के तट पर तू अपने
प्यासे अधर न खोल,
बटोही, तेरी प्यास अमोल !

जो कुछ तुझे मिला वह सारा
नाखूनों पर ठहरा पारा,
मर्म समझ ले इस दुनिया का
सिर्फ़ वही जीता जो हारा ।

सागर के घर से दो आँसू-
का मिलना क्या मोल ।

जल की गोद रहा जीवन भर
जैसे पात हरे पुरइन के
प्यास निगोड़ी जादूगरनी
जल से बुझे न जाए अगिन से ।

जल में आग आग में पानी
और न ज़्यादा घोल !
बटोही, तेरी प्यास अमोल,
तेरी प्यास अमोल!