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"दिन बसन्त के / ठाकुरप्रसाद सिंह" के अवतरणों में अंतर

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दिन बसन्त के
 
दिन बसन्त के
 
 
राजा-रानी-से तुम दिन बसन्त के
 
राजा-रानी-से तुम दिन बसन्त के
 
 
आए हो हिम के दिन बीतते
 
आए हो हिम के दिन बीतते
 
 
दिन बसन्त के
 
दिन बसन्त के
 
  
 
पात पुराने पीले झरते हैं झर-झर कर
 
पात पुराने पीले झरते हैं झर-झर कर
 
 
नई कोंपलों ने शृंगार किया है जी भर
 
नई कोंपलों ने शृंगार किया है जी भर
 
 
फूल चन्द्रमा का झुक आया है धरती पर
 
फूल चन्द्रमा का झुक आया है धरती पर
 
 
अभी-अभी देखा मैंने वन को हर्ष भर
 
अभी-अभी देखा मैंने वन को हर्ष भर
 
  
 
कलियाँ लेते फलते, फूलते
 
कलियाँ लेते फलते, फूलते
 
 
झुक-झुककर लहरों पर झूमते
 
झुक-झुककर लहरों पर झूमते
 
 
आए हो हिम के दिन बीतते
 
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दिन बसन्त के
 
दिन बसन्त के
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19:11, 28 मार्च 2011 के समय का अवतरण

दिन बसन्त के
राजा-रानी-से तुम दिन बसन्त के
आए हो हिम के दिन बीतते
दिन बसन्त के

पात पुराने पीले झरते हैं झर-झर कर
नई कोंपलों ने शृंगार किया है जी भर
फूल चन्द्रमा का झुक आया है धरती पर
अभी-अभी देखा मैंने वन को हर्ष भर

कलियाँ लेते फलते, फूलते
झुक-झुककर लहरों पर झूमते
आए हो हिम के दिन बीतते
दिन बसन्त के