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"वसन्त की अगवानी / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर

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रंग-बिरंगी खिली-अधखिली
 
रंग-बिरंगी खिली-अधखिली
 
 
किसिम-किसिम की गंधों-स्वादों वाली ये मंजरियाँ
 
किसिम-किसिम की गंधों-स्वादों वाली ये मंजरियाँ
 
 
तरुण आम की डाल-डाल टहनी-टहनी पर
 
तरुण आम की डाल-डाल टहनी-टहनी पर
 
 
झूम रही हैं...
 
झूम रही हैं...
 
 
चूम रही हैं--
 
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कुसुमाकर को! ऋतुओं के राजाधिराज को !!
कुसुमाकर को! ऋतुओं के राजाधिराज को!!
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इनकी इठलाहट अर्पित है छुई-मुई की लोच-लाज को !!
 
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इनकी इठलाहट अर्पित है छुई-मुई की लोच-लाज को!!
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तरुण आम की ये मंजरियाँ...
 
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उद्धित जग की ये किन्नरियाँ
 
उद्धित जग की ये किन्नरियाँ
 
 
अपने ही कोमल-कच्चे वृन्तों की मनहर सन्धि भंगिमा
 
अपने ही कोमल-कच्चे वृन्तों की मनहर सन्धि भंगिमा
 
 
अनुपल इनमें भरती जाती
 
अनुपल इनमें भरती जाती
 
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ललित लास्य की लोल लहरियाँ !!
ललित लास्य की लोल लहरियाँ!!
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तरुण आम की ये मंजरियाँ !!
 
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तरुण आम की ये मंजरियाँ!!
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रंग-बिरंगी खिली-अधखिली...
 
रंग-बिरंगी खिली-अधखिली...
  
 
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(1976)
(रचनाकाल : 1976)
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19:19, 28 मार्च 2011 के समय का अवतरण

रंग-बिरंगी खिली-अधखिली
किसिम-किसिम की गंधों-स्वादों वाली ये मंजरियाँ
तरुण आम की डाल-डाल टहनी-टहनी पर
झूम रही हैं...
चूम रही हैं--
कुसुमाकर को! ऋतुओं के राजाधिराज को !!
इनकी इठलाहट अर्पित है छुई-मुई की लोच-लाज को !!
तरुण आम की ये मंजरियाँ...
उद्धित जग की ये किन्नरियाँ
अपने ही कोमल-कच्चे वृन्तों की मनहर सन्धि भंगिमा
अनुपल इनमें भरती जाती
ललित लास्य की लोल लहरियाँ !!
तरुण आम की ये मंजरियाँ !!
रंग-बिरंगी खिली-अधखिली...

(1976)