भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"डर / रघुवीर सहाय" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{KKGlobal}} | {{KKGlobal}} | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
− | |रचनाकार = रघुवीर सहाय | + | |रचनाकार =रघुवीर सहाय |
− | |संग्रह = एक समय था / रघुवीर सहाय | + | |संग्रह =एक समय था / रघुवीर सहाय |
}} | }} | ||
+ | {{KKCatKavita}} | ||
+ | <poem> | ||
+ | बढ़िया अँग्रेज़ी | ||
+ | वह आदमी बोलने लगा | ||
− | + | जो अभी तक | |
− | + | मेरी बोली बोल रहा था | |
− | + | ||
− | जो अभी तक मेरी बोली बोल रहा था | + | |
मैं डर गया । | मैं डर गया । | ||
+ | </poem> |
22:32, 28 मार्च 2011 के समय का अवतरण
बढ़िया अँग्रेज़ी
वह आदमी बोलने लगा
जो अभी तक
मेरी बोली बोल रहा था
मैं डर गया ।