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"ख़ताए-इश्क़ की इस दिल को सज़ा दी जाए/ विनय प्रजापति 'नज़र'" के अवतरणों में अंतर
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मेरे साथ उसकी तस्वीर जला दी जाए | मेरे साथ उसकी तस्वीर जला दी जाए | ||
− | + | आँखों में नमी गर एक बूँद भी हो बाक़ी | |
वो इक बूँद उस गदेली से उठा ली जाए | वो इक बूँद उस गदेली से उठा ली जाए | ||
− | तहज़ीबे-इश्क़ जो उसे सताये ताउम्र | + | तहज़ीबे-इश्क़<ref>प्यार करने का ढंग</ref> जो उसे सताये ताउम्र |
− | उसे | + | उसे थोड़ी-सी बेवफ़ाई सिखा दी जाए |
मैं कौन हूँ मैं क्या हूँ किससे हूँ मेरे ख़ुदा | मैं कौन हूँ मैं क्या हूँ किससे हूँ मेरे ख़ुदा | ||
− | बिगड़ी ‘नज़र’ की | + | बिगड़ी बात ‘नज़र’ की आज बना दी जाए |
− | ख़ुदा से हर दुआ में माँगा था उसको | + | ख़ुदा से हर एक दुआ में माँगा था उसको |
− | काश ‘विनय’ वो | + | काश ‘विनय’ वो हरेक दुआ ठुकरा दी जाए |
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02:35, 30 मार्च 2011 के समय का अवतरण
लेखन वर्ष: २००२
ख़ताए-इश्क़<ref>प्यार करने की ग़लती</ref> की इस दिल को सज़ा दी जाए
मेरे साथ उसकी तस्वीर जला दी जाए
आँखों में नमी गर एक बूँद भी हो बाक़ी
वो इक बूँद उस गदेली से उठा ली जाए
तहज़ीबे-इश्क़<ref>प्यार करने का ढंग</ref> जो उसे सताये ताउम्र
उसे थोड़ी-सी बेवफ़ाई सिखा दी जाए
मैं कौन हूँ मैं क्या हूँ किससे हूँ मेरे ख़ुदा
बिगड़ी बात ‘नज़र’ की आज बना दी जाए
ख़ुदा से हर एक दुआ में माँगा था उसको
काश ‘विनय’ वो हरेक दुआ ठुकरा दी जाए
शब्दार्थ
<references/>