भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"आह्लाद / महेन्द्र भटनागर" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=महेन्द्र भटनागर |संग्रह=राग-संवेदन / महेन्द्र भटनागर }}...)
 
 
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह=राग-संवेदन / महेन्द्र भटनागर
 
|संग्रह=राग-संवेदन / महेन्द्र भटनागर
 
}}
 
}}
 
+
{{KKAnthologyVarsha}}
 +
{{KKCatKavita}}
 
बदली छायी<br>
 
बदली छायी<br>
 
बदली छायी! <br>
 
बदली छायी! <br>

18:44, 31 मार्च 2011 के समय का अवतरण

बदली छायी
बदली छायी!
दिशा-दिशा में
बिजली कौंधी,
मिट्टी महकी
सोंधी-सोंधी!
युग-युग
विरह-विरस में
डूबी,
एकाकी
घबरायी
ऊबी,
अपने
प्रिय जलधर से
मिल कर,
हाँ, हुई सुहागिन
धन्य धरा,
मेघों के रव से
शून्य भरा!
वर्षा आयी
वर्षा आयी!
उमड़ी
शुभ
घनघोर घटा,
छायी
श्यामल दीप्त छटा!
दुलहिन झूमी
घर-घर घूमी
मनहर स्वर में
कजली गायी!
बदली छायी
वर्षा आयी!