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"शिशिर में भवाली / रमेश कौशिक" के अवतरणों में अंतर
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:::घर की छतों पर | :::घर की छतों पर | ||
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01:01, 1 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
घाटियों की बाल्टी में
बर्फ़
जैसे सर्फ़
अभी कुछ देर में
वह
नभ से उतर कर आयेगी
शिखर के कंगूरों
तरुवरों
घर की छतों पर
कड़े सुखाएगी