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इकला चांद | इकला चांद |
23:31, 1 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
इकला चांद
असंख्य तारे,
नील गगन के
खुले किवाड़े;
कोई हमको
कहीं पुकारे
हम आएंगे
बाँह पसारे !