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"मृत्यु-पत्र / महेन्द्र भटनागर" के अवतरणों में अंतर
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रोना नहीं, | रोना नहीं, | ||
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दीन-निरीह होना नहीं ! | दीन-निरीह होना नहीं ! | ||
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आघात सहना, | आघात सहना, | ||
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संयमित रहना। | संयमित रहना। | ||
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आडम्बरों से मुक्त | आडम्बरों से मुक्त | ||
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अन्तिम कर्म हो, | अन्तिम कर्म हो, | ||
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ध्यान में बस | ध्यान में बस | ||
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पारलौकिक-पारमार्थिक मर्म हो ! | पारलौकिक-पारमार्थिक मर्म हो ! | ||
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मृत्यूपरान्त जगत व जीवन | मृत्यूपरान्त जगत व जीवन | ||
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न जाना किसी ने | न जाना किसी ने | ||
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न देखा किसी ने .... | न देखा किसी ने .... | ||
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निर्धारित व्यवस्थाएँ समस्त | निर्धारित व्यवस्थाएँ समस्त | ||
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सब अतर्कित हैं। | सब अतर्कित हैं। | ||
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अनुसरण उनका अवांछित है ! | अनुसरण उनका अवांछित है ! | ||
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अंधानुयायी रे नहीं बनना, | अंधानुयायी रे नहीं बनना, | ||
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ज्ञान के आलोक में | ज्ञान के आलोक में | ||
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हो संस्कार-पूत उपासना। | हो संस्कार-पूत उपासना। | ||
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आदेश यह | आदेश यह | ||
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सद्धर्म सद्भावना। | सद्धर्म सद्भावना। | ||
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01:47, 6 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
रोना नहीं,
दीन-निरीह होना नहीं !
आघात सहना,
संयमित रहना।
आडम्बरों से मुक्त
अन्तिम कर्म हो,
ध्यान में बस
पारलौकिक-पारमार्थिक मर्म हो !
मृत्यूपरान्त जगत व जीवन
न जाना किसी ने
न देखा किसी ने ....
निर्धारित व्यवस्थाएँ समस्त
पोल-कल्पित है,
सब अतर्कित हैं।
अनुसरण उनका अवांछित है !
अंधानुयायी रे नहीं बनना,
ज्ञान के आलोक में
हो संस्कार-पूत उपासना।
आदेश यह
सद्धर्म सद्भावना।