भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मौत से बात / सौरभ" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
प्रकाश बादल (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सौरभ |संग्रह=कभी तो खुलेगा / सौरभ }} <Poem> ए मौत तुम व...) |
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
|रचनाकार=सौरभ | |रचनाकार=सौरभ | ||
|संग्रह=कभी तो खुलेगा / सौरभ | |संग्रह=कभी तो खुलेगा / सौरभ | ||
− | + | }}{{KKAnthologyDeath}} | |
− | }} | + | {{KKCatKavita}} |
<Poem> | <Poem> | ||
ए मौत तुम वैसी नहीं हो | ए मौत तुम वैसी नहीं हो |
02:00, 6 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
ए मौत तुम वैसी नहीं हो
जैसी दिखती हो
तुम तो शांति का हो ऐसा अथाह सागर
जिसमें कुछ पल डूब कर
हम फिर पाते नवजीवन
ए मौत माना कि तुम से
जंग नहीं हो सकती मेरी
मित्रता तो है
तभी तो
मैं यहाँ बैठा
तुझ पर लिखने की
कर रहा हूँ ज़ुर्रत।