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"मौत से बात / सौरभ" के अवतरणों में अंतर

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ए मौत तुम वैसी नहीं हो
 
ए मौत तुम वैसी नहीं हो

02:00, 6 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण

ए मौत तुम वैसी नहीं हो
जैसी दिखती हो
तुम तो शांति का हो ऐसा अथाह सागर
जिसमें कुछ पल डूब कर
हम फिर पाते नवजीवन
ए मौत माना कि तुम से
जंग नहीं हो सकती मेरी
मित्रता तो है
तभी तो
मैं यहाँ बैठा
तुझ पर लिखने की
कर रहा हूँ ज़ुर्रत।