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"करो नवसृजन/रमा द्विवेदी" के अवतरणों में अंतर

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22:33, 9 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण


दीप मन के जलाओ करो नवसृजन,
दूर तम को भगाओ करो नवसृजन।
भाव उगते नहीं, शब्द मिलते नहीं,
मन का सागर खंगालो करो नवसृजन।
कण-कण यहाँ सहमा-सहमा लगे,
स्नेह-गंगा बहाओ करो नवसृजन ।
प्रदूषित हवा और प्रदूषित है जल,
तरु-सरोवर बचाओ करो नवसृजन।
पीज़ा-बर्गर की पीढ़ी पंगु हो जाएगी,
पीढ़ियों को बचाओ करो नवसृजन ।
कामनाएँ हों पूरन भगीरथ बनो,
स्वर्ग भूतल पे लाओ करो नवसृजन।
गुनगुनाती हवाएँ फिर से बहें,
गीत ऐसा सुनाओ करो नवसृजन।
बिन तराशे कोई मूर्ति बनती नहीं,
पत्थरों को तराशो करो नवसृजन।