"गुल ए नौशगुफ़ता / ज़िया फ़तेहाबादी" के अवतरणों में अंतर
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नौशगुफ़ता फूल तेरा मुस्कराना है बजा | नौशगुफ़ता फूल तेरा मुस्कराना है बजा | ||
बुलबुलों के गीत सुन कर झूम जाना है बजा | बुलबुलों के गीत सुन कर झूम जाना है बजा | ||
− | रँग ए जोर ए गुलिस्ताँ देखा नहीं | + | रँग ए जोर ए गुलिस्ताँ देखा नहीं तूने हनूज़ |
− | जब्र ए दौर ए आसमाँ देखा नहीं | + | जब्र ए दौर ए आसमाँ देखा नहीं तूने हनूज़ |
तू अभी ना आशना है इन्क़लाब ए दहर से | तू अभी ना आशना है इन्क़लाब ए दहर से | ||
तू अभी वाकिफ़ नहीं राज़ ए सराब ए दहर से | तू अभी वाकिफ़ नहीं राज़ ए सराब ए दहर से | ||
तू नसीम ए सुबह की आग़ोश का पाला हुआ | तू नसीम ए सुबह की आग़ोश का पाला हुआ | ||
− | + | रँग ओ बू के दिलनशीं साँचे में है ढाला हुआ | |
नाचती है तेरे ऐवान ए तसव्वुर में बहार | नाचती है तेरे ऐवान ए तसव्वुर में बहार | ||
बज रहा है पत्तियों का दिलकश ओ रंगीं सितार | बज रहा है पत्तियों का दिलकश ओ रंगीं सितार | ||
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मुँह धुलाती है उरूस ए सुबह शबनम से तेरा | मुँह धुलाती है उरूस ए सुबह शबनम से तेरा | ||
शीशा ए दिल पाक है आलाइश ए ग़म से तेरा | शीशा ए दिल पाक है आलाइश ए ग़म से तेरा | ||
− | + | ज़हन में तेरे नहीं है सूरत ए गुलचीं अभी | |
− | + | तूने समझे ही नहीं अन्दाज़ ए बुग़ज़ ओ कीं अभी | |
− | तू है इक जाम | + | तू है इक जाम ए शगुफ़ता चश्म ए ज़ाहिर के लिए |
− | और इलहाम | + | और इलहाम ए मुजस्सिम क़ल्ब ए शायर के लिए |
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10:38, 10 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
नौशगुफ़ता फूल तेरा मुस्कराना है बजा
बुलबुलों के गीत सुन कर झूम जाना है बजा
रँग ए जोर ए गुलिस्ताँ देखा नहीं तूने हनूज़
जब्र ए दौर ए आसमाँ देखा नहीं तूने हनूज़
तू अभी ना आशना है इन्क़लाब ए दहर से
तू अभी वाकिफ़ नहीं राज़ ए सराब ए दहर से
तू नसीम ए सुबह की आग़ोश का पाला हुआ
रँग ओ बू के दिलनशीं साँचे में है ढाला हुआ
नाचती है तेरे ऐवान ए तसव्वुर में बहार
बज रहा है पत्तियों का दिलकश ओ रंगीं सितार
तेरे कानों तक खिज़ां का नाम भी पहुँचा नहीं
तुझ को कैफ़ ए हाल में अँदेशा ए फ़रदा नहीं
मुँह धुलाती है उरूस ए सुबह शबनम से तेरा
शीशा ए दिल पाक है आलाइश ए ग़म से तेरा
ज़हन में तेरे नहीं है सूरत ए गुलचीं अभी
तूने समझे ही नहीं अन्दाज़ ए बुग़ज़ ओ कीं अभी
तू है इक जाम ए शगुफ़ता चश्म ए ज़ाहिर के लिए
और इलहाम ए मुजस्सिम क़ल्ब ए शायर के लिए