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"मैंने दुआ की ख़ुदा ने क़ुबूल की तुम ज़िन्दगी बन गये/ विनय प्रजापति 'नज़र'" के अवतरणों में अंतर
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मैंने दुआ की ख़ुदा ने क़ुबूल की तुम ज़िन्दगी बन गये | मैंने दुआ की ख़ुदा ने क़ुबूल की तुम ज़िन्दगी बन गये | ||
− | तुम धड़कनों को महकाकर मेरे ख़्वाब रंग गये | + | तुम धड़कनों को महकाकर मेरे सादे ख़्वाब रंग गये |
− | मैं तुम्हारे बारे में दिन | + | मैं तुम्हारे बारे में दिन भर बैठकर सोचता था |
− | तुमने मुझसे बात की मेरे दर्द बर्फ़ बन गये | + | तुमने मुझसे बात की मेरे सभी दर्द बर्फ़ बन गये |
− | तेरी सूरत भी ख़ूब है और तेरी सीरत भी ख़ूब | + | तेरी सूरत भी ख़ूब है और तेरी सीरत भी ख़ूब |
− | तुम अपनी प्यारी बातों से मेरे | + | तुम अपनी प्यारी बातों से मेरे अल्फ़ाज़ रंग गये |
− | तेरी | + | तेरी सादगी ने मुझे अपना दीवाना ही कर लिया |
− | तुम बेक़रार दिल का राहतो-आराम बन गये | + | और तुम बेक़रार दिल का राहतो-आराम बन गये |
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21:25, 12 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
लेखन वर्ष: २००५/२०११
मैंने दुआ की ख़ुदा ने क़ुबूल की तुम ज़िन्दगी बन गये
तुम धड़कनों को महकाकर मेरे सादे ख़्वाब रंग गये
मैं तुम्हारे बारे में दिन भर बैठकर सोचता था
तुमने मुझसे बात की मेरे सभी दर्द बर्फ़ बन गये
तेरी सूरत भी ख़ूब है और तेरी सीरत भी ख़ूब
तुम अपनी प्यारी बातों से मेरे अल्फ़ाज़ रंग गये
तेरी सादगी ने मुझे अपना दीवाना ही कर लिया
और तुम बेक़रार दिल का राहतो-आराम बन गये