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19:55, 13 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार
उदासी मन काहे को करे ॥
नैया तेरी राम हवाले लहर
लहर हरि आप सम्हाले हरि
आप ही उठायें तेरा भार
उदासी मन काहे को करे ॥
काबू में मंझधार उसी के
हाथों में पतवार उसी के
तेरी हार भी नहीं है तेरी
हार उदासी मन काहे को करे ॥
सहज किनारा मिल जायेगा
परम सहारा मिल जायेगा
डोरी सौंप के तो देख एक बार
उदासी मन काहे को करे ॥
तू निर्दोष तुझे क्या डर है
पग पग पर साथी ईश्वर है ।
सच्ची भावना से कर ले पुकार
उदासी मन काहे को करे ॥