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कई दिनों से ई-पत्र तुम्हारा नहीं मिला | कई दिनों से ई-पत्र तुम्हारा नहीं मिला | ||
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कई दिनों से बहुत बुरा है मेरा हाल | कई दिनों से बहुत बुरा है मेरा हाल | ||
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कहाँ है तू, कहाँ खो गई अचानक | कहाँ है तू, कहाँ खो गई अचानक | ||
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खोज रहा हूँ, ढूंढ रहा हूँ मैं पूरा संजाल | खोज रहा हूँ, ढूंढ रहा हूँ मैं पूरा संजाल | ||
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क्या घटा है, क्या दुख गिरा है भहराकर | क्या घटा है, क्या दुख गिरा है भहराकर | ||
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आता है मन में बस, अब एक यही सवाल | आता है मन में बस, अब एक यही सवाल | ||
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याद तेरी आती है मुझे खूब हहराकर | याद तेरी आती है मुझे खूब हहराकर | ||
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लगे, दूर है बहुत मास्को से भोपाल | लगे, दूर है बहुत मास्को से भोपाल | ||
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बहुत उदास हूँ, चेहरे की धुल गई हँसी है | बहुत उदास हूँ, चेहरे की धुल गई हँसी है | ||
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कब मिलेगी इस तम में आशा की किरण | कब मिलेगी इस तम में आशा की किरण | ||
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जब पत्र मिलेगा तेरा - तू राजी-खुशी है | जब पत्र मिलेगा तेरा - तू राजी-खुशी है | ||
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दिन मेरा होगा उस पल सोने का हिरण | दिन मेरा होगा उस पल सोने का हिरण | ||
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(रचनाकाल : 2006) | (रचनाकाल : 2006) |
11:24, 15 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
कई दिनों से ई-पत्र तुम्हारा नहीं मिला
कई दिनों से बहुत बुरा है मेरा हाल
कहाँ है तू, कहाँ खो गई अचानक
खोज रहा हूँ, ढूंढ रहा हूँ मैं पूरा संजाल
क्या घटा है, क्या दुख गिरा है भहराकर
आता है मन में बस, अब एक यही सवाल
याद तेरी आती है मुझे खूब हहराकर
लगे, दूर है बहुत मास्को से भोपाल
बहुत उदास हूँ, चेहरे की धुल गई हँसी है
कब मिलेगी इस तम में आशा की किरण
जब पत्र मिलेगा तेरा - तू राजी-खुशी है
दिन मेरा होगा उस पल सोने का हिरण
(रचनाकाल : 2006)