भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"एक अकेले से / अरुणा राय" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
 
|रचनाकार=अरुणा राय
 
|रचनाकार=अरुणा राय
 
}}
 
}}
{{KKCatKavita}}
+
{{KKAnthologyLove}}
 +
{{KKCatKavita‎}}
 
<poem>
 
<poem>
 
चलते - चलते
 
चलते - चलते

12:33, 15 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण

चलते - चलते
हाथ बढ़ाए हमने
तो वो उलझे
और छूट गए
और छोड़ गए उलझन

अब
एक अकेले से
वह सुलझे कैसे ...