भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"कुछ भी नहीं बदला / संध्या गुप्ता" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
|रचनाकार=संध्या गुप्ता | |रचनाकार=संध्या गुप्ता | ||
}} | }} | ||
− | {{KKAnthologyLove} | + | {{KKAnthologyLove}} |
{{KKCatKavita}} | {{KKCatKavita}} | ||
<poem> | <poem> |
13:08, 15 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
सन्दूक से पुराने ख़त निकालती हूँ
कुछ भी नहीं बदला...
छुअन
एहसास
संवेदना!
पच्चीस वर्षों के पुराने अतीत में
सिर्फ़
उन उंगलियों का साथ
छूट गया है...