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कुंजबनमों गोपाल राधे॥ध्रु०॥ | कुंजबनमों गोपाल राधे॥ध्रु०॥ |
20:11, 18 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
कुंजबनमों गोपाल राधे॥ध्रु०॥
मोर मुकुट पीतांबर शोभे। नीरखत शाम तमाल॥१॥
ग्वालबाल रुचित चारु मंडला। वाजत बनसी रसाळ॥२॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरनपर मन चिरकाल॥३॥