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"मिली जुली गावे के बधैया, बधैया गाव सोहर हो" के अवतरणों में अंतर
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मिली जुली गावे के बधइया, बधइया गाव सोहर हो | मिली जुली गावे के बधइया, बधइया गाव सोहर हो |
21:04, 18 अप्रैल 2011 का अवतरण
♦ रचनाकार: अज्ञात
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मिली जुली गावे के बधइया, बधइया गाव सोहर हो
आज क्रिशन के होइहे जनमवा, जगत गाई सोहर हो॥
नन्द बाबा देवे धेनू गैया लुटावे धन यशोदा मैया हो
यहवा घर घर बाजता बधैया, महलिया उठे सोहर हो॥