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मनमोहन गिरिवरधारी॥ध्रु०॥ | मनमोहन गिरिवरधारी॥ध्रु०॥ | ||
मोर मुकुट पीतांबरधारी। मुरली बजावे कुंजबिहारी॥१॥ | मोर मुकुट पीतांबरधारी। मुरली बजावे कुंजबिहारी॥१॥ |
00:30, 19 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
मनमोहन गिरिवरधारी॥ध्रु०॥
मोर मुकुट पीतांबरधारी। मुरली बजावे कुंजबिहारी॥१॥
हात लियो गोवर्धन धारी। लिला नाटकी बांकी गत है न्यारी॥२॥
ग्वाल बाल सब देखन आयो। संग लिनी राधा प्यारी॥३॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर। आजी आईजी हमारी फेरी॥४॥