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"प्रार्थना / अजेय" के अवतरणों में अंतर

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ईश्वर  
 
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तुम मुझे परियों की कहानी सुनाना  
 
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फिर न जाने कब फुर्सत होगी !  
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20:53, 20 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण

ईश्वर
मेरे दोस्त
मेरे पास आ !
यहाँ बैठ
बीड़ी पिलाऊँगा
चाय पीते हैं

इतने दिन हो गए
आज तुम्हारी गोद में सोऊँगा
तुम मुझे परियों की कहानी सुनाना

फिर न जाने कब फ़ुर्सत होगी !

1992