गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
तू / ओएनवी कुरुप
23 bytes added
,
19:41, 22 अप्रैल 2011
तू साँस लेता है हवा में
और पेयजल में
और इनमें
मृत्यु का चारा टाँगता है
जिस टहनी पर बैठा हुआ है
उसी को ख़ुद काटता है
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,687
edits