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"तुम भजन संभरि के गाना / ब्रजभाषा" के अवतरणों में अंतर

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14:26, 26 अप्रैल 2011 का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

गाना हो तुम भजन संभरि के गाना - २

बावन अक्षर हैं ओलम के
इनके पास मतीं जाना
तीन लोक औ चौदह भुवन हैं
तिनके पार चले जाना
इनके भीतर जो तुम आये
पकरें दोऊ काना हो
तुम भजन संभरि के गाना.....