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"बाबुल मेरो ब्याह रचाओ / ब्रजभाषा" के अवतरणों में अंतर

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

रचाओ हो बाबुल मेरो ब्याह रचाओ - २

कैऊ कल्प बीत गये याकों
तौऊ भई नहिं शादी है
ब्रह्मा विष्णु गोद खिलाये
महादेव की दादी है....