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हरिवंशराय बच्चन

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<table width=90% align=center><tr><td valign=top>
* मधुबाला
* नीड का निर्माण
* जीवन की आपाधापी में
* जो बीत गई सो बात गयी
* कवि की वासना
* किस कर में यह वीणा धर दूँ
* को‌ई गाता मैं सो जाता
* साथी, सब कुछ सहना होगा
</td>
* तुम तूफ़ान समझ पाओगे
* आज तुम मेरे लिये हो
* कवि की वासना
* किस कर में यह वीणा धर दूँ
* को‌ई गाता मैं सो जाता
* साथी, सब कुछ सहना होगा
</td></tr></table>