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मुहाजिरनामा / मुनव्वर राना
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21:18, 6 मई 2011
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मुहाजिर हैं मगर हम एक दुनिया छोड़ आए हैं,
तुम्हारे पास जितना है हम उतना छोड़ आए हैं ।
कहानी का ये हिस्सा
आजतक
आज तक
सब से छुपाया है,
कि हम मिट्टी की ख़ातिर अपना सोना छोड़ आए हैं ।
Aadil rasheed
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