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तौलौं लोभ लोलुप ललात लालची लबार,
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बार-बार लालचु धरनि-धन-धामको।
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तबलौं बियोग -रोग -सोग , भोग जातनाको,
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जुग सम लागत जीवनु जाम-जामको।।
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तौलौं दुख-दारिद दहत  अति नित तनु
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तुलसी है किंकरू बिमोह-कोह -कामको।
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सब दुख आपने, निरापने सकल सुख,
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जौलौं जनु भयो न  बजाइ  राजा रामको।।
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तौलों मलीन ,हीन , दीन, सुख सपनें न,
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जहाँ-तहाँ दुखी जनु भाजनु कलेसको।
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तौलौं उबेने पाय फिरत पेटौ खलाय ,
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बाय मुह सहत  पराभौं  देस-देसको।
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तबलौं  दयावनो दुसह दुख  दारिदको,
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साथरीको सोइबो, ओढ़िबो झूने खेसको।।
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जबलौं  न भजैं जीहैं  जानकी-जीवन रामु,
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राजनको राजा सो तौ साहेबु महेसको।।
 
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08:45, 9 मई 2011 के समय का अवतरण


प्रभुकी महत्ता और दयालुता

 ( छंद 124, 125)

(124)
 
तौलौं लोभ लोलुप ललात लालची लबार,
 बार-बार लालचु धरनि-धन-धामको।

तबलौं बियोग -रोग -सोग , भोग जातनाको,
 जुग सम लागत जीवनु जाम-जामको।।
 
तौलौं दुख-दारिद दहत अति नित तनु
तुलसी है किंकरू बिमोह-कोह -कामको।

सब दुख आपने, निरापने सकल सुख,
जौलौं जनु भयो न बजाइ राजा रामको।।

(125)

तौलों मलीन ,हीन , दीन, सुख सपनें न,
जहाँ-तहाँ दुखी जनु भाजनु कलेसको।

तौलौं उबेने पाय फिरत पेटौ खलाय ,
बाय मुह सहत पराभौं देस-देसको।

तबलौं दयावनो दुसह दुख दारिदको,
साथरीको सोइबो, ओढ़िबो झूने खेसको।।

 जबलौं न भजैं जीहैं जानकी-जीवन रामु,
 राजनको राजा सो तौ साहेबु महेसको।।