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"हम फ़ौलाद के गीत गाएँगे / भगवान स्वरूप कटियार" के अवतरणों में अंतर

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हम फ़ौलाद के गीत गाएँगे
 
हम फ़ौलाद के गीत गाएँगे
 
दुनिया फ़ौलाद की बनी है
 
दुनिया फ़ौलाद की बनी है
और हम फ़ौलाद की संताने हैं ।
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और हम फ़ौलाद की संतानें हैं ।
  
 
जैसे लोग निहाई पर
 
जैसे लोग निहाई पर

13:57, 10 मई 2011 के समय का अवतरण

विनायक सेन के प्रति

हम फ़ौलाद के गीत गाएँगे
दुनिया फ़ौलाद की बनी है
और हम फ़ौलाद की संतानें हैं ।

जैसे लोग निहाई पर
पत्तर ढालते हैं
वैसे ही हम
हम नए दिन ढालेंगे
उनमें उल्लास हीरे की तरह जड़ा होगा ।

पसीने से नहाए
हम पाताल में उतरेंगे
और धरती के गर्भ से
हम नया वैभव जीत लाएँगे ।

हम पर्वत के शिखर पर चढ़ कर
सूरज के टुकड़े बन जाएँगे
ऊषा की लाली से
हम अपनी माँसपेशियों में
लाल रंग भरेंगे ।

इंसानियत से सराबोर
हम शानदार ज़िन्दगी ढालेंगे
जहाँ भेदभाव के लिए नहीं होगी
कोई जगह ।

हम अनेक हैं पर एक में
संगठित होंगे
फ़ौलाद के उस गीत में
हम सब की आवाज़ होगी
हम फ़ौलाद के बने हैं
इसलिए फ़ौलाद के गीत गाएँगे ।