भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"जिन्हें डर नहीं लगता / उमेश चौहान" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna
|रचनाकार=उमेश चौहान
+
|रचनाकार=उमेश चौहान }}
|संग्रह=जिन्हें डर नहीं लगता / उमेश चौहान
+
{{KKPustak
 +
|चित्र=.jpg
 +
|नाम= जिन्हें डर नहीं लगता
 +
|रचनाकार=[[उमेश चौहान]]
 +
|प्रकाशक= शिल्पायन, नई दिल्ली
 +
|वर्ष= 2009
 +
|भाषा=हिन्दी
 +
|विषय=कविता
 +
|शैली=--
 +
|पृष्ठ=
 +
|ISBN=--978-81-89918-38-5
 +
|विविध=--
 
}}
 
}}
{{KKCatKavita‎}}
+
[[Category:KKavita]]
 
<poem>
 
<poem>
'''जिन्हें डर नहीं लगता'''
+
* [[ नई नस्ल के कबूतर / उमेश चौहान]]
 
+
* [[ जाग्रत से अधिक चेतन / उमेश चौहान]]
जिन्हें तैरना  नहीं आता
+
* [[ बकरे / उमेश चौहान]]
उन्हीं के लिए  ही डालनी पड़ती हैं
+
* [[ चिड़िया हार नहीं मानती /उमेश चौहान]]
नदी में नावें  और
+
* [[ कूड़ेदान / उमेश चौहान]]
बनाने पड़ते हैं  उन पर पुल
+
* [[ जिन्हें डर नहीं लगता / उमेश चौहान]]
ताकि पार कर सकें वे नदी को
+
बिना डूब जाने के भय के,
+
 
+
बूढ़े और अशक्त  हों तो
+
अलग होती है बात
+
किन्तु सक्षम  होते हुए भी
+
जो नहीं सीखते  तैरना
+
या तैरना जानते  हुए भी
+
तैयार नहीं होते जो
+
पानी में धँसने को,
+
उनके लिए हम प्रायः पीठ झुका कर
+
क्यों तैयार  हो जाते हैं
+
नाव या पुल बनने के लिए?
+
 
+
जिन्हें डर नहीं लगता
+
उन्हें,
+
तैरना सहज आ  जाता है
+
हिम्मत के साथ
+
पानी में कूद  जाने पर
+
किन्तु कभी  नहीं सीखा जा सकता तैरना
+
केवल किताबें  पढ़-पढ़ कर
+
अथवा चिन्तन-मनन  करके ।
+
 
+
बाढ़ की विभीषिका में
+
जब पलट जाती हैं नावें
+
बह जाते हैं  पुल
+
तब भी बचे रहते हैं
+
नदी की लहरों  में
+
वे लोग जीवित
+
जिन्हें तैरना  आता है,
+
 
+
ऐसे लोगों को
+
नदी की लहरों  से
+
डर नहीं लगता
+
वे हमेशा तत्पर  रहते हैं
+
स्वीकारने को
+
लहरों का हर एक निमंत्रण् ।
+
 
+
लहरों के निमंत्रण को ठुकराकर
+
तीर पर ठिठुककर  तो
+
वही रुके रहते हैं
+
जिन्हें तैरना  नहीं आता ।
+
</poem>
+

20:21, 18 मई 2011 का अवतरण

जिन्हें डर नहीं लगता
रचनाकार उमेश चौहान
प्रकाशक शिल्पायन, नई दिल्ली
वर्ष 2009
भाषा हिन्दी
विषय कविता
विधा
पृष्ठ
ISBN
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।