भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"कुछ लोग मेरी ज़िंदगी से जीत कर गये / त्रिपुरारि कुमार शर्मा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=त्रिपुरारि कुमार शर्मा }} {{KKCatTriveni}} <poem> कुछ लोग मेरी …) |
(कोई अंतर नहीं)
|
00:07, 26 मई 2011 के समय का अवतरण
कुछ लोग मेरी ज़िंदगी से जीत कर गये
कुछ लोग मेरी ज़िंदगी से हार कर गये
मेरी ज़िंदगी जैसे जुआ का अड्डा है