भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"तड़प रहा है धूप का टुकड़ा / त्रिपुरारि कुमार शर्मा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=त्रिपुरारि कुमार शर्मा }} {{KKCatTriveni}} <poem> तड़प रहा है ध…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
00:11, 26 मई 2011 के समय का अवतरण
तड़प रहा है धूप का टुकड़ा
बहुत बेबस हैं बेजुबान कमरे
खिड़की का खौफ बरसता है