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"अंतिम सांस तक / अलका सिन्हा" के अवतरणों में अंतर
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कोई तुरपन, कोई बटन | कोई तुरपन, कोई बटन | ||
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परीक्षक के पर्चा खींचने से ठीक पहले तक | परीक्षक के पर्चा खींचने से ठीक पहले तक | ||
− | सही, | + | सही, ग़लत, कुछ न कुछ |
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चूक-अचूक निशाना साधे | चूक-अचूक निशाना साधे | ||
− | लड़ता ही रहता है | + | लड़ता ही रहता है फ़ौजी । |
कोई नहीं डालता हथियार | कोई नहीं डालता हथियार | ||
कोई नहीं छोड़ता आस | कोई नहीं छोड़ता आस | ||
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21:12, 28 मई 2011 के समय का अवतरण
ग्राहक को कपड़े देने से ठीक पहले तक
कोई तुरपन, कोई बटन
टाँकता ही रहता है दर्ज़ी ।
परीक्षक के पर्चा खींचने से ठीक पहले तक
सही, ग़लत, कुछ न कुछ
लिखता ही रहता है परीक्षार्थी ।
अंतिम साँस टूटने तक
चूक-अचूक निशाना साधे
लड़ता ही रहता है फ़ौजी ।
कोई नहीं डालता हथियार
कोई नहीं छोड़ता आस
अंतिम साँस तक ।