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+ | दामिनी-बरन तनु रुपके निचोर हैं | | ||
+ | सहज सलोने, राम-लषन ललित नाम, | ||
+ | जैसे सुने तैसेई कुँवर सिरमौर हैं || | ||
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+ | चरन-सरोज, चारु जङ्घा जानु ऊरु कटि, | ||
+ | कन्धर बिसाल, बाहु बड़े बरजोर हैं | | ||
+ | नीकेकै निषङ्ग कसे, करकमलनि लसै | ||
+ | बान-बिसिषासन मनोहर कठोर हैं || | ||
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+ | काननि कनकफूल, उपबीत अनुकूल, | ||
+ | पियरे दुकूल बिलसत आछे छोर हैं | | ||
+ | राजिव नयन, बिधुबदन टिपारे सिर, | ||
+ | नख-सिख अंगनि ठगौरी ठौर ठौर हैं || | ||
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+ | सभा-सरवर लोक-कोक-नद-कोकगन | ||
+ | प्रमुदित मन देखि दिनमनि भोर हैं | | ||
+ | अबुध असैले मन-मैले महिपाल भये, | ||
+ | कछुक उलूक कछु कुमुद चकोर हैं || | ||
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+ | भाईसों कहत बात, कौसिकहि सकुचात, | ||
+ | बोल घन घोर-से बोलत थोर-थोर हैं | | ||
+ | सनमुख सबहि, बिलोकत सबहि नीके, | ||
+ | कृपासों हेरत हँसि तुलसीकी ओर हैं || | ||
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15:58, 29 मई 2011 के समय का अवतरण
रङ्गभूमिमें
रङ्गभूमि आए, दसरथके किसोर हैं |
पेखनो सो पेखन चले हैं पुर-नर-नारि,
बारे-बूढ़े, अंध-पङ्गु करत निहोर हैं ||
नील पीत नीरज कनक मरकत घन
दामिनी-बरन तनु रुपके निचोर हैं |
सहज सलोने, राम-लषन ललित नाम,
जैसे सुने तैसेई कुँवर सिरमौर हैं ||
चरन-सरोज, चारु जङ्घा जानु ऊरु कटि,
कन्धर बिसाल, बाहु बड़े बरजोर हैं |
नीकेकै निषङ्ग कसे, करकमलनि लसै
बान-बिसिषासन मनोहर कठोर हैं ||
काननि कनकफूल, उपबीत अनुकूल,
पियरे दुकूल बिलसत आछे छोर हैं |
राजिव नयन, बिधुबदन टिपारे सिर,
नख-सिख अंगनि ठगौरी ठौर ठौर हैं ||
सभा-सरवर लोक-कोक-नद-कोकगन
प्रमुदित मन देखि दिनमनि भोर हैं |
अबुध असैले मन-मैले महिपाल भये,
कछुक उलूक कछु कुमुद चकोर हैं ||
भाईसों कहत बात, कौसिकहि सकुचात,
बोल घन घोर-से बोलत थोर-थोर हैं |
सनमुख सबहि, बिलोकत सबहि नीके,
कृपासों हेरत हँसि तुलसीकी ओर हैं ||