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(कभी फुर्सत मिले तो चलना साथ हमारे !)
 
(कोई अंतर नहीं)

13:44, 30 मई 2011 के समय का अवतरण

कभी फुर्सत मिले तो चलना साथ हमारे !

   तुमको भी ले चलेंगे अपने बचपन के गलियारे !!
   नन्ही नन्ही आँखों के सपने ,
   बात बात पे आंसू छलके ,
   माँ का प्यार से भरना बांहों में ,
   फिर रोते रोते हँस देते ,
   कभी फुर्सत मिले तो चलना साथ हमारे !
   तुमको भी ले चलेंगे अपने बचपन के गलियारे !
   पल पल के वो दोस्त हमारे ,
   पल भर के वो गुस्से ,
   मुहं चिडाकर बात न करना ,
   थोड़ी देर में फिर हुडदंगे ,
   खेल खेल में लड़ते लड़ते ,
   शाम तलक सब भुलये ,
   कभी फुर्सत मिले तो चलना साथ हमारे !
   तुमको भी ले चलेंगे अपने बचपन के गलियारे !!
   मस्त हुए सब अपनी ही धुन में ,
   जाने क्या क्या करते ,
   कभी तितलियों के पीछे दोड़े ,
   कभी किसी के पीछे ,
   न जाने क्या मिलता था उनमे ,
   थे जो नासमझी के सपने ,
   कभी फुर्सत मिले तो चलना साथ हमारे !
   तुमको भी ले चलेंगे अपने बचपन के गलियारे !!