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"पुनर्गठन / माया मृग" के अवतरणों में अंतर

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16:39, 31 मई 2011 के समय का अवतरण


सन्दर्भों से कटा हुआ
एक नितांत फीका स्वाद
जीभ पर।
नथुनों में चढ़ती
रेतीली गंध,
और किरचते कणों में
मेरा-तुम्हारा-हमारा
वर्तमान खोजते हुए
एक उकताहट है !
एक अस्वस्ति भरी
उकताहट
संबंधों का पुनर्गठन
एक यातना है,
सिर्फ एक यातना
तनी हुई रस्सी की मानिंद।
कुछ तुमसे,
कुछ मुझसे
खिंची हुई रस्सी !