भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"तुम-2 / नील कमल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नील कमल |संग्रह=हाथ सुंदर लगते हैं / नील कमल }} {{KKCatKa…) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 7: | पंक्ति 7: | ||
<poem> | <poem> | ||
मेरी नींद | मेरी नींद | ||
− | + | फ़सल और भूख के बीच | |
समीकरण तय करती है | समीकरण तय करती है | ||
14:56, 6 जून 2011 के समय का अवतरण
मेरी नींद
फ़सल और भूख के बीच
समीकरण तय करती है
सपने लंबी करते हैं
चाहत की उम्र
उम्र जो इन खेतों से बड़ी नहीं
ये खेत जो तुम्हारी देह से छोटे
क्यारियों में बँटने लगे हैं
देखो
क्यारियाँ नसों में बदलने लगी हैं ।