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"उसने सोचा / भगवत रावत" के अवतरणों में अंतर
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11:44, 29 जून 2007 के समय का अवतरण
कमरे के बाहर
और कमरे के अंदर के दृश्य को
साँसों में भरते हुए
उसने सोचा
आँधी होती
तो निकल गई होती अब तक
उड़ाती हुई धूल
अपने साथ
तूफ़ान होता
तो जा चुका होता
बहुत कुछ
तोड़-फोड़ कर
बस वह
चुपचाप आई
और फैल गई
आस-पास ।