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"ओ नये नाथ सुण मेरी बात / हरियाणवी" के अवतरणों में अंतर
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नीचे नै कंमन्द लटकार्ही चढ्ज्या क्यूँ वार लगावै सै !! | नीचे नै कंमन्द लटकार्ही चढ्ज्या क्यूँ वार लगावै सै !! | ||
09:58, 19 जून 2011 का अवतरण
ओ नये नाथ सुण मेरी बात,
या चन्द्र्किरण जोगी तनै तन-मन-धन तै चाव्है सै!
नीचे नै कंमन्द लटकार्ही चढ्ज्या क्यूँ वार लगावै सै !!
(मेरे कैसी नारी चहिये तेरे कैसे नर नै,
बात सुण ध्यान मैं धर कै ) - २
दया करकै नाचिये मोर, मोरणी दो आंसू चाव्है सै !
नीचे नै कंमन्द लटकार्ही चढ्ज्या क्यूँ वार लगावै सै !!