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"किसी का प्यार समझें, दिल्लगी समझें, अदा समझें / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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किसी का प्यार समझें, दिल्लगी समझें, अदा समझें
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किसीका प्यार समझें, दिल्लगी समझें, अदा समझें
बता दे तू दे अब, ऐ जिन्दगी! हम तुझको क्या समझें  
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बता दे तू ही अब, ऐ ज़िन्दगी! हम तुझको क्या समझें  
  
नहीं हटाता है पला भर लाज का परदा उन आँखों से  
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नहीं हटता है पल भर लाज का परदा उन आँखों से  
 
इशारों में ही दिल की बात हम कैसे भला समझें!
 
इशारों में ही दिल की बात हम कैसे भला समझें!
  
 
हम अपने को भी उनकी धड़कनों में देख लेते हैं
 
हम अपने को भी उनकी धड़कनों में देख लेते हैं
उन्हीं के हम हैं, वे हमको भले ही दूसरा समझें
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उन्हींके हम हैं, वे हमको भले ही दूसरा समझें
  
 
दिया जो आपने आकर कभी दिल में जलाया था
 
दिया जो आपने आकर कभी दिल में जलाया था
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गुलाब ऐसे तो हर तितली से आँखें चार करते हैं
 
गुलाब ऐसे तो हर तितली से आँखें चार करते हैं
जो दिल की पंखडी छू ले उसीको दिलरुबा समझें
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जो दिल की पंखड़ी छू ले उसीको दिलरुबा समझें
 
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00:47, 1 जुलाई 2011 का अवतरण


किसीका प्यार समझें, दिल्लगी समझें, अदा समझें
बता दे तू ही अब, ऐ ज़िन्दगी! हम तुझको क्या समझें

नहीं हटता है पल भर लाज का परदा उन आँखों से
इशारों में ही दिल की बात हम कैसे भला समझें!

हम अपने को भी उनकी धड़कनों में देख लेते हैं
उन्हींके हम हैं, वे हमको भले ही दूसरा समझें

दिया जो आपने आकर कभी दिल में जलाया था
दिया वह आँधियों से लड़ते-लड़ते बुझ गया समझें

गुलाब ऐसे तो हर तितली से आँखें चार करते हैं
जो दिल की पंखड़ी छू ले उसीको दिलरुबा समझें