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"भले ही हाथ से आँचल छुडाये जाते हैं / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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− | भले ही हाथ से आँचल | + | भले ही हाथ से आँचल छुड़ाये जाते हैं |
वे और भी मेरे दिल में समाये जाते हैं | वे और भी मेरे दिल में समाये जाते हैं | ||
− | उन्हें सवाल भी अपना | + | उन्हें सवाल भी अपना सुनाके क्या होगा |
− | जो हर सवाल पे बस | + | जो हर सवाल पे बस मुस्कुराये जाते हैं! |
शराब हुस्न की सबको पिला रहे वे, मगर | शराब हुस्न की सबको पिला रहे वे, मगर | ||
− | हमें कुछ और नज़र से | + | हमें कुछ और नज़र से पिलाये जाते हैं |
कहें भी क्या जो वही पूछ रहे हैं हमसे! | कहें भी क्या जो वही पूछ रहे हैं हमसे! | ||
− | 'ये ग़म हैं क्या जो तेरा दिल | + | 'ये ग़म हैं क्या जो तेरा दिल जलाये जाते हैं' |
गुलाब बाज़ न आते हैं उनसे मिलने से | गुलाब बाज़ न आते हैं उनसे मिलने से | ||
− | भले ही राह में काँटें | + | भले ही राह में काँटें बिछाये जाते हैं |
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01:50, 1 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
भले ही हाथ से आँचल छुड़ाये जाते हैं
वे और भी मेरे दिल में समाये जाते हैं
उन्हें सवाल भी अपना सुनाके क्या होगा
जो हर सवाल पे बस मुस्कुराये जाते हैं!
शराब हुस्न की सबको पिला रहे वे, मगर
हमें कुछ और नज़र से पिलाये जाते हैं
कहें भी क्या जो वही पूछ रहे हैं हमसे!
'ये ग़म हैं क्या जो तेरा दिल जलाये जाते हैं'
गुलाब बाज़ न आते हैं उनसे मिलने से
भले ही राह में काँटें बिछाये जाते हैं