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"ग़म बहुत, दर्द बहुत, टीस बहुत, आह बहुत / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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फिर भी दिल को है उसी बेरहम की चाह बहुत | फिर भी दिल को है उसी बेरहम की चाह बहुत | ||
− | हमने माना कि | + | हमने माना कि ख़ुशी आपको होती इसमें |
− | हैं मगर आपकी | + | हैं मगर आपकी ख़ुशियों से हम तबाह बहुत |
− | क्या हुआ अब जो इधर | + | क्या हुआ अब जो इधर रुख़ नहीं करता कोई |
चाह है तो मिलेगी बंदगी की राह बहुत | चाह है तो मिलेगी बंदगी की राह बहुत | ||
हाय! उस दूध की धोई नज़र का भोलापन! | हाय! उस दूध की धोई नज़र का भोलापन! | ||
− | + | सैकड़ों खून भी करके है बेगुनाह बहुत | |
यों तो उस दिल में बसी आपकी सूरत ही, गुलाब! | यों तो उस दिल में बसी आपकी सूरत ही, गुलाब! |
01:10, 2 जुलाई 2011 का अवतरण
ग़म बहुत, दर्द बहुत, टीस बहुत, आह बहुत
फिर भी दिल को है उसी बेरहम की चाह बहुत
हमने माना कि ख़ुशी आपको होती इसमें
हैं मगर आपकी ख़ुशियों से हम तबाह बहुत
क्या हुआ अब जो इधर रुख़ नहीं करता कोई
चाह है तो मिलेगी बंदगी की राह बहुत
हाय! उस दूध की धोई नज़र का भोलापन!
सैकड़ों खून भी करके है बेगुनाह बहुत
यों तो उस दिल में बसी आपकी सूरत ही, गुलाब!
है मगर और भी फूलों से रस्मो-राह बहुत